नाम: अबुल पकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल क़लाम ( डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम )
जन्म : १५ ऑक्टूबर १९३१।
मृत्यु : २७ जुलाई २०१५ ( ८४ साल )
जन्म स्थान : धनुष्कोडी , रामेश्वरम, तमिलनाडु , भारत (India)
व्वसाय : इंजीनियर , साइंटिस्ट , लेखक , प्रोफेसर , पॉलिटिशियन।
निक नाम : मिसाइल मैन
डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम को कौन नहीं जनता , कड़ी मेहनत और लगन की एक सफल परिभषा थे। इनका जन्म मध्यम वर्गीय एक मुस्लिम परिवार में हुआ था इनके पिता के पास एक नाव थी उसी से वे अपने परिवार का भरण पोषण करते थे। कलाम अपने परिवार में सबसे छोटे थे, इनकी एक बड़ी बहन और तीन बड़े भाई भी थे। ताउम्र शादी न करके अपने परिवार से हमेशा जुड़े रहे और जब भी जरुरत पड़ी तो मदद भी किये। अपने स्कूल के दिनों में कलाम एक औसत विद्यार्थी थे। परिवार की स्थिति सही न होने की वजह से इन्होने अख़बार बेचने का भी काम किया करते थे।
Schwartz Higher Secodary School से मेट्रिक पास करने के बाद १९५४ में St. Joseph College से भौतकी विज्ञानं में स्नातक की उपाधि पूरा की उसके बाद , १९५८ में Madras Institute of Technology से Aeronautical Engineering में भी उपाधि प्राप्त की। अपने इंजीनियरिंग के तीसरे साल के अंत में उनको एक एयरक्राफ्ट डिज़ाइन करने का प्रोजेक्ट दिया गया। इस प्रोजेक्ट को कलाम ने समय पर बड़ी लगन और मेहनत से पूरा किया। जिससे उनके प्रोफेसर बहुत खुश और उनके इस लगन को देख कर काफी प्रसन्नता भी हुयी।
डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम Indian Airforce ज्वाइन करना चाहते थे, लेकिन एक स्थान से चूक गए। कुल ८ रिक्तियाँ थी और कलाम नैवे स्थान पे आये। उनका यह सपना टूट गया। अंत में वो में साइंटिस्ट के पद पर DRDO (Defence Research and Development Organisation) में ज्वाइन किया।
1960 में इन्होने उस समय के महान स्पेस साइंटिस्ट विक्रम साराभाई के साथ भी काम किया। विक्रम साराभाई एक महान वैज्ञानिक और भारतीय आंतरिक्ष प्रोग्राम के जनक माने जाते है। डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम के व्यक्तित्त्व पे साराभाई का बहुत अधिक प्रभाव पड़ा।
डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम ने १९६९ में इसरो (ISRO) ( Indian Space Research Organisation) में ज्वाइन किया। SLV-III ( Satellite Launch Vehicle) के निदेशक के पद का बड़ी सफलता से निर्वाह किया। भारतीय उपग्रह रोहिणी को पृथ्वी के ऑर्बिट में सफलता पूर्वक स्थापित किया। १९७० में इन्होने PSLV( Polar Satellite Lauch Vehicle) विकसित किया जो की भारतीय ध्रुवीय उपग्रह को पृथ्वी के ऑर्बिट में स्थापित करता है।
भारत का पहला नाभिकी मिशन " Smiling Buddha" का भी प्रतिनिधित्व किया, हलाकि डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम इस मिशन के शुरुआती दौर में नहीं शामिल थे, लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से बहुत योगदान दिया। दूसरे परमाणु परिक्षण पोकरण -II में भी कलाम जी का बहुत योगदान रहा।
१९८० में डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम को भारतीय मिसाइल प्रोग्राम का दयित्वा दिया गया। IGMDP ( Inter Guided Missile Development Programe) का इन्होने सफलता पूर्वक नेतृत्व किया। डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम ने भारत को अपना मिसाइल दिया। भारत ने कई मिसाइल बनाया जैसे पृथ्वी , त्रिशूल , आकाश , नाग और अग्नि , जो की बिभिन्न परिस्थियों में दुश्मन को मार गिराने में सक्षम है।
अग्नि के सफल परिक्षण के बाद इनको " Missile Man of India " के नाम से प्रसिद्धि मिली।
इसके बाद डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम कई सरकारी संस्थाओ में सलाहकार के रूप में काम किया। १९९२ में रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार के रूप में नियुक्त किये गये। १९९९ में भारत सरकार के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार का पद भार निभाया।
२००२ - २००७ डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम भारत के ग्यारहवें राष्ट्रपति बने। भारत के राष्ट्रपति का पद बखूबी से निभाया। लोगो को शिक्षा के प्रति जागरूक और प्रेरित करना यही उनका उद्देश्य रहा। २७ जुलाई २०१५ को आईआईएम शिलांग में एक भाषण के दौरान अचानक हार्ट अटैक की वजह से सूरज का अस्त हो गया।
डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम को कई उपाधि से भी नवाजा गया, भारत के सर्वोच्च उपाधि पदम भूषण , पदम विभूषण, और भारत रत्न से भी नवाजा गया। कई संस्थानों के नाम इनके नाम पे रखे गए। भारत में ही नहीं विदेशो में भी इनको सम्मान मिला। कई विश्वविद्यालयों ने डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम को कई उपाधि से सम्मानित किया।
डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम ने कई किताबो को भी लिखा, इनके कुछ प्रमुख किताबे Wings of fire (Autobiography), Ignited Minds, India 2020, Mission India, Inspiring Thoughts etc. है।
Dr A P J Abdul Kalam Biography (अब्दुल कलाम- जीवनी)