दोस्तों मैं आप लोग को ऑप्टिमल हेल्थ (Optimal Health) के बारे में बताने जा रहा हूँ। यहाँ पर मैं आपको बताऊंगा कि ऑप्टिमल हेल्थ क्या होता है ? कैसे हम अपने हेल्थ को ऑप्टीमल हेल्थ बना सकते हैं ? अगर हम शाब्दिक अर्थ की बात करें ऑप्टीमल हेल्थ का हिंदी मतलब होता है सर्वोत्कृष्ट स्वास्थ्य, मतलब आपके स्वास्थ्य में सब कुछ हो, आप शारीरिक, मांसिक , भावनात्मक, आध्यात्मिक रूप से स्वस्थ्य हो।


इस लेख में हम यह देखेंगे कि हेल्थ क्या होता है ? और हमारे हेल्थ से सम्बंधित क्या - क्या बाते होती है ? ऑक्सीडेटिव तनाव ( Oxidative Stress) क्या होता है ? फ्री रेडिकल्स ( Free Radicals ) क्या होता हैं ? प्रतिरक्षा तंत्र ( Immune System ) क्या होता है ? सर्वोत्कृष्ट स्वास्थ्य (Optimal Health ) को कैसे पाएँ। फूड पिरामिड ( Food Pyramid ) क्या होता है ?


अब हम यह जानने की कोशिश करते है की स्वस्थ्य ( healthy ) रहने के क्या क्या फायदे होते है ?

१) स्वस्थ्य ( Healthy ) रहने से हमारे शरीर की रोगो से लड़ने की क्षमता मजबूत रहती है। हमारा ऊर्जा स्तर बढ़िया रहता है। हमारे शरीर में कोलेस्ट्रॉल स्तर बढ़िया रहता है। हमारा ब्लड प्रेशर अच्छा रहता है। और रोग से ग्रसित होने का जो रिस्क है वह कम रहता है। हमारा वजन सामान्य रहता है। इसके आलावा भी बहुत सारे अनगिनत अप्रत्यक्ष फायदे होते है।




अब हम यह जानेंगे कि हेल्थ चैलेंज ( Health Challenge ) क्या-क्या होते हैं ? आज के समय में सबसे ज्यादा जो हेल्थ चैलेंज है वह है- मोटापा (Obesity), ओस्टियोआर्थराइटिस (osteoarthritis ), हाई ब्लड शुगर ( High Sugar ), लॉस ऑफ़ स्टैमिना ( Loss of stamina ) और ऊर्जा ( Energy ), बाल और त्वचा से संबधित दिक्कतें ( Hair और Skin ) और श्वसन (Respiratory Related ) सम्बंधित समस्या, थायराइड, हार्ट अटैक, कैंसर इत्यादि।


Changing Life Style


अब हम देखेंगे शरीर को अस्वस्थ्य बनाने में कौन कौन से कारण मुख्य है, और देखेंगे स्वास्थ्य संबंधी इन सारी दिक्कतों के क्या-क्या कारण हैं। सबसे पहला कारण है प्रदूषण (Pollution ), बहुत सारी स्वस्थ्य संबंधी बीमारियां हमें प्रदूषण से होती हैं इसमें वायु प्रदूषण , जल प्रदूषण इतियादी मुख्य है। दूसरा जो मुख्य कारण है स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों का वह है हमारी दिनचर्या ( Lifestyle ), तीसरा जो कारण है वह है फास्ट फूड या जंक फूड, इससे बहुत सारी दिक्कतें हमारे शरीर में जन्म लेती है और चौथा जो मुख्य कारण है वह है ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस ( Oxidative Stress ) . पांचवा कारण है तनाव (Stress ) और चिंता (Anxiety ), इसकी वजह से शरीर में बहुत सारी दिक्कतें शुरुआती उम्र से ही शुरू हो जाती हैं। अगला जो कारण है स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों का वह है बुरी आदतें जैसे सिगरेट अल्कोहल, गुटखा। यह सारी बुरी आदतें या फिर समय से भोजन ना करना (Skipping Meal ) और अगला जो कारण है वह है की जो भी हम खाना खाते हैं उसमें केमिकल और पेस्टिसाइड्स का मिलावट। और सबसे अंतिम कारण है self-medication.


Environment Pollution


अब हम जानेंगे ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस (Oxidative Stress ) क्या होता है ? यह जानने के लिए हमें पहले यह समझना होगा कि फ्री रेडिकल्स ( Free Radicals ) क्या होता है? फ्री रेडिकल एक स्वतंत्र आस्थाई अणु होते हैं जो हमारे शरीर की कोशिकाओं से रिएक्शन करके उनको नुकशान पहुंचाते रहते हैं। एक उदाहरण के लिए जिस तरह से लोहा खुले नाम वातावरण में रखने से वातावरण से रियक्शन करके नष्ट होता रहता है वैसे ही हमारे शरीर में होता है। फ्री रेडिकल्स शरीर की कोशकाओं से रिएक्शन करके नष्ट करते रहते हिअ रहते है। इससे हमारे शरीर में एक तनाव पैदा हो जाता है जिसे ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस कहते है। इसकी वजह से बहुत सारी दिक्कतें हमारे शरीर में जन्म लेना शुरू हो जाती हैं और अगर हमारा प्रतिरक्षा तंत्र बहुत मजबूत है तो यह जो फ्री रेडिकल्स को ख़त्म करता रहता है।

अब हम जानेंगे ऑप्टीमल हेल्थ को हम कैसे पा सकें। हमारा स्वस्थ्य कैसे ऑप्टीमल होगा। ऑप्टिमल हेल्थ पाने के चार मुख्य स्तंभ हैं उन चारों स्तंभ में पहला स्तंभ है एक्सरसाइज (व्यायाम ),


हमें दप्रतिदिन 30 से 40 मिनट कुछ ना कुछ व्यायाम जरूर करना चाहिए। चाहे आप योगा करें या आप दौड़ने जाए, चाहे आप मॉर्निंग वॉक करें कुछ हल्का-फुल्का व्यायाम जरूर करें। व्यायाम करने से हमारा शरीर फुर्तीला रहता है और हमारे शरीर में खून का प्रवाह अच्छा बना रहता है।


दूसरा स्तंभ है एटीट्यूड ( पॉजिटिव एटीट्यूड), इसका मतलब होता है हमारा व्यहार। हमारा व्यव्हार पॉजिटिव होना चाहिए हमेशा हमें पॉजिटिव सोचना चाहिए। सकारात्मक सोच हमारे मानसिक हेल्थ को अच्छा रखता है। नकारात्मक सोच से हमें बचना चाहिए। इसके लिए हम प्रतिदिन सकारात्मक सोच की अच्छी-अच्छी किताबें पढ़ सकते हैं , जो हमें दिनभर सकारात्मक रखेगी और हमारे मेंटल हेल्थ को अच्छा बनाए रखने में मदद करेगा।


तीसरा स्तंभ है उचित आराम ( Proper Rest ) हम प्रति दिन गहरी नींद (Sound Sleep ) जरूर लेना चाहिए। इससे हमारा शरीर रिजूवनेट होता है और वह पुनः अपने अवस्था में आ जाता है।


चौथा स्तंभ है न्यूट्रिशन ( Nutrition ), हम क्या खाते हैं उस पर बहुत सारी चीजें आधारित होती हैं। हम जो कुछ भी खाते है वह शुद्ध और नुट्रिशन रिच होना चाहिए। हमें जंक फ़ूड, से बचना चाहिए। हमारे साग सब्जिया आर्गेनिक होनी चाहिए उनको उगने में कोई केमिकल या पेस्टीसिडे का उपयोग न किया गया हो। एक उदाहरण लेते हैं की अगर हम जो खाना खाते हैं उसमे केमिकल और पेस्टिसाइड मिले हो तो वह हमारे शरीर में जाकर फ्री रेडिकल्स का निर्माण करते हैं, जिससे हमारे शरीर में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस उत्पन्न होता है और कई तरह की बीमारियों को जन्म देता है। हम जो न्यूट्रिशन लेते हैं वह हेल्दी न्यूट्रिशन होना चाहिए।


Nutrition


चारो स्तम्भ में से सबकुछ हमारे नियंत्रण में है लेकिन चौथा स्तंभ पे हमें ज्यादा ध्यान देना चाहिए। नुट्रिशन का बहुत बड़ा रोल होता है हमारे शरीर में, अगर हम अच्छा नुट्रिशन ले तो शायद हमें कभी कोई दिक्कत न हो, लेकिन आजकल के समय में जब प्रदुषण, मिलावट इतना बढ़ गया है की शुद्ध और मिलावट रहित वस्तुए मिलना मुश्किल है।


अगर हम न्यूट्रिशन के बारे में फूड पिरामिड को देखें तो हमें सबसे ज्यादा पानी लेना चाहिए प्रतिदिन 10 से 12 गिलास पानी पीना चाहिए। उसके बाद जो चीज हमें सबसे ज्यादा लेनी चाहिए वह कार्बोहाइड्रेट हमारे शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है, और इससे हमारे शरीर की सारी क्रियाएं संपन्न होती हैं। इसके बाद हमें प्रोटीन की मात्रा को लेना चाहिए वह इसलिए क्योंकि हमारे शरीर की कोशिकाएं प्रतिदिन नष्ट होती हैं और उत्पन्न होती हैं और कोशिकाएं प्रोटीन से बनती हैं इसीलिए हमें प्रोटीन की ज्यादा जरूरत होती है। उसके बाद हमें विटामिंस और मिनरल्स, फाइबर की जरूरत होती है और विटामिंस मिनरल्स फाइबर एक तरह से हमारे प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करती हैं और हमारे शरीर को स्वस्थ रखने में बहुत मदद करते हैं। सबसे कम हमे और शुगर, तेल और वसा लेना चाहिए।


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